ओंकारेश्वर: शिव भक्ति और परिक्रमा

ओंकारेश्वर मध्य प्रदेश के खतिया गांव के पास स्थित एक पवित्र स्थान है, जो नर्मदा नदी के किनारे बसा है। यहाँ स्थित भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग अत्यंत प्रसिद्ध है और यह नर्मदा परिक्रमा यात्रा का एक मुख्य पड़ाव है। भक्तजन यहाँ शिव भक्ति के अनूठे अनुभव के साथ नर्मदा के तटों की परिक्रमा करते हैं।

नर्मदा परिक्रमा के दौरान चमत्कारिक घटनाएँ: आस्था और अनुभव के साक्षी प्रसंग

नर्मदा परिक्रमा के दौरान चमत्कारिक घटनाएँ: आस्था और अनुभव के साक्षी प्रसंग नर्मदा परिक्रमा अपने आप में एक अलौकिक साधना है। जो यात्री इस यात्रा पर निकलते हैं, वे केवल भूमि नहीं नापते, बल्कि आत्मा की परिक्रमा करते हैं। इस मार्ग पर ऐसे अनगिनत प्रसंग घटे हैं जिन्हें यात्रियों ने “माँ की कृपा” कहा। आइए

नर्मदा परिक्रमा की पौराणिक कथाएँ और महत्व

नर्मदा परिक्रमा की अनेक कथाएँ हैं कहा जाता है भगवान शंकर के तप से नर्मदा का उद्भव हुआ। पौराणिक ग्रंथों में इसका वर्णन है कि जो भक्त नर्मदा की परिक्रमा करता है, उसे अनेक जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है। नर्मदा तट पर स्थित ओंकारेश्वर, अमरकंटक, महेश्वर, और तिलकवाड़ा जैसे स्थान आध्यात्मिक ऊर्जाओं के

नर्मदा नदी की कथा और उत्पत्ति का रहस्य: एक दिव्य प्रवाह की अमर कहानी

🌿 परिचय नर्मदा नदी की कथा और उत्पत्ति — यह केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारत की आत्मा की धारा है।संस्कृत में इसका अर्थ है “आनंद देने वाली” — और सचमुच, यह नदी जहाँ बहती है, वहाँ जीवन में शांति और संतुलन बहता है।नर्मदा की कथा भारतीय आध्यात्मिक परंपरा की सबसे प्राचीन और रहस्यमय कहानियों